पटना : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों के बाद यहां की राजनीति में लंबे अंतराजल के बाद बड़ा बदलाव दिख रहा है। राजद के विधायकों की कम संख्या के कारण पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का विधान परिषद में नेता विरोधी दल का पद भी खतरे में है। नए आवास (39 हार्डिंग रोड) का आवंटन होने के बावजूद लालू परिवार ने 10 सर्कुलर रोड का बंगला खाली करने से इन्कार कर दिया है।
राजद के विधानसभा में मात्र 25 सदस्य रह जाने के कारण, पूर्व मुख्यमंत्री और विधान परिषद में नेता विरोधी दल राबड़ी देवी का पद अगले कुछ सालों में जा सकता है। वो 2030 तक विधान पार्षद रहेंगी, लेकिन नेता प्रतिपक्ष बने रहना मुश्किल होगा। वर्तमान में विधान परिषद में राजद के पास 13 सदस्य हैं, जबकि विरोधी दल का नेता बने रहने के लिए कम से कम 11 पार्षदों का होना जरूरी है।
2028 तक राजद एमएलसी की संख्या घट सकती है, क्योंकि पूरा विपक्ष मिलकर विधानसभा से मात्र एक एमएलसी बना सकता है। अगर आगामी विधान परिषद चुनावों में सफलता नहीं मिली, तो राबड़ी देवी से न सिर्फ नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी जाएगी, बल्कि सरकारी बंगला भी छिन जाएगा।
राजद इस फैसले के पीछे भाजपा की साजिश बता रहा
दरअसल, बिहार में विधान परिषद् की सदस्य संख्या 103 है। जिसमें 76 निर्वाचित और 27 मनोनीत होते हैं। इसके अलावा 2 विषय विशेषज्ञ सदस्य होते थे। यानी कुल 105 सदस्य हो जाते हैं। मगर, नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी के लिए निर्वाचित सदस्यों की 15 प्रतिशत सदस्य चाहिए, इस लिहाज से 11 (11.4) सदस्य नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए जरूरी है। फिलहाल, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के नाम पर 39 हार्डिंग रोड स्थित नया आवास आवंटित कर दिया गया है।
वो करीब 20 सालों से 10 सर्कुलर रोड स्थित बंगले में पूर्व सीएम के तौर पर परिवार के साथ रह रही थीं, लेकिन अब ये आवंटन रद्द कर दिया गया है। भवन निर्माण विभाग ने उन्हें नए बंगले में शिफ्ट होने के लिए पत्र जारी किया है, मगर लालू परिवार और राजद ने बंगला खाली करने से साफ इनकार कर दिया है। राजद इसे नीतीश सरकार 10.0 के फैसले के पीछे बीजेपी की साजिश बता रहा है।
खतरे में राबड़ी देवी का नेता विरोधी दल का पद
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बाद राजद के विधायकों की संख्या में आई कमी ने राबड़ी देवी के विधान परिषद में नेता विरोधी दल के पद को संकट में डाल दिया है। अभी राजद के पास 13 एमएलसी हैं, जो 9 की न्यूनतम आवश्यकता से अधिक हैं। हालांकि, 2028 तक राजद के एमएलसी की संख्या घट सकती है। शिक्षक, स्नातक और स्थानीय निकाय कोटे के विधान पार्षदों के आगामी चुनाव में सफलता न मिलने पर, उनसे नेता विरोधी दल की पद छिन जाएगी, जिसके चलते उन्हें सरकारी आवास भी खाली करना पड़ेगा।
नए बंगले में शिफ्ट होने से इनकार कई सवाल खड़े कर रहा
बिहार विधान परिषद में नेता विरोधी दल के तौर पर राबड़ी देवी को 39 हार्डिंग रोड स्थित जो नया बंगला दिया गया है, वो सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस है। ये बिहार के मंत्रियों को मिलने वाले आवासों में दूसरा सबसे बड़ा माना जाता है। इस बंगले में छह बेडरूम, एक बड़ा ड्रॉइंग रूम, डाइनिंग रूम, एक बड़ा हॉल और प्रवेश द्वार के पास एक मेहमानखाना भी है। इसका इंटीरियर काफी मॉडर्न है, जिसे कुछ साल पहले ही रेनोवेट किया गया है। सुरक्षा के लिहाज से परिसर सीसीटीवी कैमरे से लैस है, साथ ही इसमें बड़े गार्डन और लॉन भी उपलब्ध हैं। स्टाफ और सुरक्षा गार्ड के लिए अलग से कमरे और 24 घंटे सुरक्षा कर्मियों की तैनाती के लिए मुख्य द्वार पर गार्ड रूम भी बनाया गया है। इतनी सुविधाओं के बावजूद, लालू परिवार का नए बंगले में शिफ्ट होने से इनकार करना कई सवाल खड़े कर रहा है।
