चक्रधरपुर : पद्मावती जैन सरस्वती शिशु विद्या मंदिर इंग्लिश मीडियम पंपरोड शत्रुघ्न नगर चक्रधरपुर में शुक्रवार को वीर बालक दिवस को बड़ी श्रद्धा भक्ति से साथ मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंम वंदना सभा में प्रधानाचार्य आनंद चन्द प्रधान, जय श्री दास, एवं शान्ति देवी ने संयुक्त रुप से वीर बालक, भारत माता, ॐ एवं माँ सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्जवलित कर किया।
मौक़े पर प्रधानाचार्य आनंद चन्द्र प्रधान ने कहा की भारत की धरती वीरों और बलिदानों की धरती रही है। इस पावन भूमि पर अनेक महापुरुष और वीर बालक जन्मे जिन्होंने बहुत ही कम आयु में भी असाधारण साहस, अटूट श्रद्धा और आदम्य आत्मबल का परिचय दिया। यह दिवस बिशेष रुप से दसवें सिख गुरु श्री गोविन्द सिंह जी महाराज के छोटे साहिबजादों जोराबर सिंह (9)और फतेह सिंह जी (7) वर्ष के अद्वितीय को समर्पित है। उन्होंने मुग़ल औरंगजेब के दबाव से ना भयभीत हुए ना अपना धर्म परिवर्तन किए।
उन्होंने कहा कि वे धर्म परिवर्तन नहीं करेंगे, चाहे उसके लिए उन्हें प्राण ही क्यों ना देना पड़े। वहीं आचार्य सौभीक घटक ने वीर बालक की वीर गाथा को बताते कहा की मुग़ल अधिकारियों ने दोनों बालकों को धर्म स्वीकार करने का प्रलोभन दिया। परन्तु ना वे धर्म बदले ना उससे डरे अपने धर्म पर अडिग रहे। कार्यक्रम का संचालन जय श्री दास ने कि और कहा कि अपने धर्म, संस्कृति और राष्ट्र सबसे महान होता है। उसी के लिए दोनों वीर बालक को जिन्दा चुनवा दिया गया फिर भी अपना धर्म नहीं बदले ऐसे बालकों पर अपना गर्व करना चाहिए। इसे सफल बनाने में शान्ति देवी मीना कुमारी, भारती कुमारी, जय श्री दास, चांदनी जोंको, जयंती तांती सहित छात्र-छात्राओं को अहम योगदान रहा।
