रांची। रिंग रोड स्थित सुकुरहुटू इलाके में एक मां और बेटे की संघर्ष भरी कहानी चर्चा का विषय बनी हुई है। चौधरी फ्यूल पेट्रोल पंप की रोशनी के नीचे हर रात एक छोटा सा क्लास रूम सजता है, जहां आठ वर्षीय एलेक्स मुंडा अपनी पढ़ाई में जुटा रहता है।
उसे पढ़ाने वाली कोई और नहीं, बल्कि उसकी मां नूतन टोप्पो हैं, जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अपने बेटे के भविष्य को अंधेरे में जाने नहीं दिया।
करीब सात साल पहले नूतन टोप्पो के पति का निधन हो गया था। इसके बाद परिवार की पूरी जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई। आर्थिक तंगी के बीच उन्होंने हार मानने के बजाय मेहनत का रास्ता चुना।
दिन भर पेट्रोल पंप पर मजदूरी कर परिवार का गुजारा करने वाली नूतन टोप्पो के लिए रात का वक्त भी आराम का नहीं होता। काम के बाद वही पेट्रोल पंप उनके बेटे के लिए स्कूल बन जाता है, जहां बिजली की रोशनी में किताबें खुलती हैं और सपनों को आकार मिलता है।
एलेक्स मुंडा भी अपनी मां के संघर्ष को समझता है। थकान के बावजूद वह पूरे मन से पढ़ाई करता है। नूतन टोप्पो के पास बेटे को किसी अच्छे निजी स्कूल या ट्यूशन में पढ़ाने के साधन नहीं हैं, लेकिन वे उसे पढ़ाई से कभी दूर नहीं होने देना चाहतीं।
उनका विश्वास है कि शिक्षा ही वह रास्ता है, जिससे एलेक्स एक दिन अपने परिवार और समाज का नाम रोशन कर सकेगा।
नूतन की संघर्ष गाथा ने अब सरकार का भी ध्यान खींचा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मामले पर संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन को तत्काल आवश्यक निर्देश दिए। यह भी कहा कि पूरी व्यवस्था करने के बाद उन्हें भी सूचित किया जाए।
जिला शिक्षा अधीक्षक करेंगे सारी व्यवस्था
इस संबंध में रांची के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जानकारी दी है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। प्रशासन की ओर से एलेक्स की पढ़ाई, स्कूल में नामांकन, शैक्षणिक सामग्री और अन्य आवश्यक सहयोग की व्यवस्था की जाएगी। एलेक्स को बेहतर शिक्षा के लिए प्रशासन हर संभव मदद देगी।
