पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा 15 दिसंबर को नवनियुक्त आयुष चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र सौंपे जाने के दौरान हुए हिजाब विवाद ने देशभर में सियासी और सामाजिक हलचल मचा दी है। विपक्ष इस मामले को मुद्दा बना रहा है।
कार्यक्रम के दौरान एक महिला चिकित्सक का हिजाब खींचे जाने का आरोप लगने के बाद विपक्ष ने मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग शुरू कर दी है। वहीं, पाकिस्तान से डॉन शहजाद भट्टी की ओर से धमकी दिए जाने की खबर भी सामने आई है।
नुसरत परवीन ने छोड़ा बिहार!
इसी बीच मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि जिस महिला चिकित्सक नुसरत परवीन के साथ यह घटना हुई, वह बिहार छोड़कर अपने परिवार के पास कोलकाता चली गई हैं। बताया जा रहा है कि इस घटना से वह इतनी आहत हुईं कि उन्होंने आयुष चिकित्सक के पद पर काम नहीं करने का फैसला कर लिया है। यानी उन्होंने नीतीश सरकार की नौकरी ठुकरा दी है।
घटना से गहरा सदमा, परिवार कर रहा समझाने की कोशिश!
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नुसरत परवीन को इस घटना से गहरा मानसिक आघात पहुंचा है। उन्हें लगा कि एक महिला होने के नाते उनके साथ जो हुआ, वह अपमानजनक है। उन्होंने सबसे पहले इस बारे में अपने भाई को जानकारी दी थी। नुसरत के भाई का कहना है कि इसी मानसिक पीड़ा के कारण उनकी बहन ने नौकरी नहीं करने का निर्णय लिया है। हालांकि परिवार और करीबी दोस्त उन्हें समझाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अंतिम फैसला अब भी नुसरत के हाथ में है।
बिहार से ज्यादा दूसरे राज्यों में चर्चा
हिजाब विवाद की गूंज बिहार से ज्यादा अन्य राज्यों में सुनाई दे रही है। सोशल मीडिया पर नीतीश सरकार की तीखी आलोचना हो रही है। वहीं जदयू की ओर से सफाई देते हुए कहा गया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुस्लिम समाज, खासकर पसमांदा समाज के उत्थान के लिए लगातार काम किया है। दूसरी ओर, अगर नुसरत परवीन अपने फैसले पर कायम रहती हैं तो यह देखना अहम होगा कि सरकार इस मामले में आगे क्या रुख अपनाती है। फिलहाल यह मुद्दा राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बना हुआ है और इस पर लगातार प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
