रांची : बिहार विधानसभा चुनाव और घाटशिला उपचुनाव के नतीजे घोषित हो चुके हैं। घाटशिला उपचुनाव में झामुमो को भारी जीत मिली, वहीं बिहार में भाजपा-जदयू गठबंधन को भारी जीत मिली, जबकि कांग्रेस-राजद को करारी हार का सामना करना पड़ा।
अब झारखंड की राजनीति में यह बहस गरमा गई है कि क्या झारखंड मुक्ति मोर्चा चुनाव नतीजों के बाद कांग्रेस, राजद और भाकपा (माले) जैसे अपने गठबंधन सहयोगियों के व्यवहार की समीक्षा करेगा, या समय के साथ झामुमो का रुख नरम पड़ेगा?
झारखंड की राजनीति में यह सवाल इसलिए खासा गरम है क्योंकि दो दिन पहले झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा था, “हारे का सहारा, हेमन्त हमारा.” अब सवाल यह उठता है कि क्या हेमंत सोरेन बिहार चुनाव हारे राजद और कांग्रेस का झारखंड में सहारा बनेंगे?
अब सबकी निगाहें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर है।
